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Wednesday, December 15, 2010

कोशिश करता चल .

दुनिया क्या है इसको न समझो यारों
वक़्त के साथ ,सब कुछ बदलता है
तुने मोहब्बत की है, तू  बस  वो  करता जा 
तेरा महबूब तुझको, सब समझता है
दिल में अपने महबूब के अक्श छुपाये जा 
तेरे लिए वो महबूब भी, अब तरपता है ...........................................


तुझको मोहब्बत मिली, इसलिए तू लिखता है 
वरना दुआएं  न होंगी ,तो लिख  न पायेगा 
तेरे लिए हैं मन में, माँ -पिता का दुलार 
देख  लेना तू एक दिन, बहुत  दूर  जायेगा  

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तू ये न सोच की लोग, तुझको क्या समझते हैं 
सोचने में तू कीमती वक़्त गवएंगा 
सोच बस इतना की घर है एक मंदिर 
कुछ देकर ही तू ,अपना फ़र्ज़ चुकाएगा 

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तुझमे है वो हिम्मत ,तू लरते जा यारा
मंजिल का पता तुझको ,वो खुदा बताएगा 
की तू हर कोशिश में, खुदा को याद बस रखना 
तू ज़रूर माँ को दिया ,वो वादा निभाएगा 

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एक दोस्त हूँ और तू मुझे काफिर नहीं कहना
तेरे लिए बस कुछ लिख दिया ,तू याद बस रखना
तू चले सच्ची राह पर, हर कदम मेरे यार
की ये फकीरा भी खुल कर, उस दिन मुस्कुराएगा . 


...........................सभी दोस्तों को समर्पि

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